झारखंड विधानसभा चुनाव में भाजपा के नेताओं ने राज्य में अवैध घुसपैठ और इसके खिलाफ कड़े कदम उठाने की बात की है। केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने शुक्रवार को रांची में एक चुनावी रैली में अपनी पार्टी के रुख को स्पष्ट करते हुए झामुमो (झारखंड मुक्ति मोर्चा) के नेतृत्व वाली सरकार पर गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने कहा कि “भारत कोई धर्मशाला नहीं है,” और यह देश हमारी जमीन, पानी, जंगल, नदियां, पहाड़ और खेत हैं, जिसे कोई भी बाहरी व्यक्ति छीन नहीं सकता।
घुसपैठ और उसका खतरा
शिवराज सिंह चौहान ने झारखंड में घुसपैठ के मुद्दे को उठाते हुए कहा कि यह राज्य के लिए एक गंभीर खतरा बन चुका है। उनका आरोप था कि राज्य सरकार विदेशियों को संरक्षण दे रही है और वोट बैंक की खातिर उन्हें वोटर लिस्ट में शामिल कर रही है। चौहान ने कहा कि झारखंड में कई ऐसे घुसपैठिये हैं जो आदिवासी महिलाओं को अपने जाल में फंसा कर उनसे शादी कर रहे हैं, जिससे राज्य की सामाजिक और सांस्कृतिक संरचना पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है।
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उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि राज्य सरकार इन घुसपैठियों को आधार कार्ड और राशन कार्ड जैसी सुविधाएं देने में मदद कर रही है, जिससे राज्य की आदिवासी जनसंख्या पर प्रतिकूल असर पड़ा है। उनकी बातों में तर्क था कि संथाल परगना जैसे इलाकों में आदिवासी आबादी 44 फीसदी से घटकर 28 फीसदी रह गई है, जो एक गंभीर चिंता का विषय है।
नागरिकता रजिस्टर की घोषणा
शिवराज सिंह चौहान ने भाजपा द्वारा सत्ता में आने पर नागरिकता रजिस्टर लागू करने की बात की। उनका कहना था कि नागरिकता रजिस्टर के जरिए सरकार घुसपैठियों को बाहर करने का काम करेगी। यह बयान उस समय आया है जब राज्य में भाजपा अपनी चुनावी रणनीति में घुसपैठ को एक बड़ा मुद्दा बना रही है।
उन्होंने कहा कि भाजपा सत्ता में आई तो वह झारखंड में एक ठोस नागरिकता रजिस्टर लागू करेगी, जिसमें केवल भारतीय नागरिकों का ही रिकॉर्ड होगा और घुसपैठियों को राज्य से बाहर कर दिया जाएगा। इस कदम से राज्य के संसाधनों की सुरक्षा सुनिश्चित करने की बात की जा रही है। भाजपा का यह स्टैंड एक रणनीतिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है, क्योंकि इससे पार्टी के प्रति स्थानीय आदिवासी और ग्रामीण वोटर्स का समर्थन जुटाने की उम्मीद है।
पीएम आवास योजना और महिला सशक्तिकरण
शिवराज सिंह चौहान ने राज्य में प्रधानमंत्री आवास योजना के निष्कलंक क्रियान्वयन पर भी सवाल उठाए। उनका कहना था कि अगर यह योजना सही तरीके से लागू होती तो आज झारखंड की महिलाओं को पक्के घर मिल गए होते। भाजपा का कहना है कि वह उन महिलाओं के लिए पक्के मकान बनाएगी जो अभी भी कच्चे घरों में रहती हैं।
चौहान ने सरकार पर आरोप लगाया कि चुनाव के पास आते-आते राज्य सरकार ने महिलाओं को ₹1000 प्रति माह देने की घोषणा की, जो उनके अनुसार एक राजनीतिक चाल है। इसके अलावा, भाजपा की योजना के अनुसार अगर उनकी सरकार बनती है तो महिलाओं को ₹2100 प्रति माह दिया जाएगा, जिससे महिला सशक्तिकरण की दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठाया जाएगा।
‘हर घर नल से जल योजना’ में भ्रष्टाचार
शिवराज सिंह चौहान ने झारखंड सरकार पर भ्रष्टाचार के आरोप भी लगाए। उनका कहना था कि पाइप जल योजना ‘हर घर नल से जल योजना’ में 5000 करोड़ रुपये का भ्रष्टाचार हुआ है। इस योजना के तहत हर घर को स्वच्छ पेयजल प्रदान किया जाना था, लेकिन भ्रष्टाचार के कारण योजना में गड़बड़ी हुई। भाजपा का दावा है कि वह इस योजना को सही तरीके से लागू करेगी और झारखंड के हर घर तक स्वच्छ जल पहुंचाएगी।
भाजपा की चुनावी रणनीति
भाजपा की झारखंड चुनावी रणनीति घुसपैठ, नागरिकता रजिस्टर, महिला सशक्तिकरण, और राज्य के संसाधनों की सुरक्षा पर केंद्रित है। शिवराज सिंह चौहान के आरोप और बयान उन मुद्दों को और ज्यादा हवा दे रहे हैं, जो भाजपा के लिए चुनावी प्रचार के दौरान महत्वपूर्ण साबित हो सकते हैं।
इसके अलावा, भाजपा ने राज्य के आदिवासी क्षेत्रों में अपनी पकड़ मजबूत करने के लिए भाजपा की महिला शाखा को सक्रिय किया है। महिलाएं इस चुनाव में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती हैं, और भाजपा इसे पूरी तरह से भुनाने की कोशिश कर रही है।
विपक्षी प्रतिक्रिया
झामुमो और कांग्रेस इस आरोप का खंडन कर रही हैं। उनका कहना है कि घुसपैठ का मुद्दा भाजपा के लिए केवल एक चुनावी हथियार है, जिसे वह अपनी राजनीतिक फसल काटने के लिए इस्तेमाल कर रही है। राज्य सरकार का दावा है कि वह अपने लोगों के लिए काम कर रही है और झारखंड की सामाजिक और सांस्कृतिक धारा को बनाए रखने के लिए कृतसंकल्प है।
झारखंड विधानसभा चुनाव में घुसपैठ के मुद्दे को लेकर भाजपा की यह रणनीति आने वाले दिनों में और भी तेज हो सकती है, जिससे राज्य की राजनीति में और ज्यादा उथल-पुथल मच सकती है। भाजपा के आरोप और शिवराज सिंह चौहान के बयान राज्य की आगामी चुनावी स्थिति को एक नया मोड़ दे सकते हैं।
निष्कर्ष
भले ही भाजपा और झामुमो के बीच घुसपैठ और नागरिकता रजिस्टर को लेकर घमासान हो, लेकिन यह मुद्दा आगामी झारखंड विधानसभा चुनाव में अहम साबित हो सकता है। चुनावी रण में दोनों पार्टियों के बीच यह विवाद और भी तीव्र हो सकता है, क्योंकि यह मुद्दा सीधे तौर पर राज्य की सुरक्षा, संसाधनों और नागरिकता से जुड़ा है।
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