रांची: बिहार के चर्चित निर्दलीय सांसद पप्पू यादव ने झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को पत्र लिखकर अपने लिए जेड प्लस सुरक्षा की मांग की है। यह मांग उन्होंने लॉरेंस बिश्नोई गैंग और अन्य माफियाओं से मिल रही धमकियों के चलते की है। यह बात खास है कि सुरक्षा की गुहार उन्होंने न तो केंद्र सरकार से लगाई है और न ही बिहार सरकार से, बल्कि झारखंड सरकार से अपील की है।
धमकियों से परेशान, सुरक्षा का अनुरोध
पप्पू यादव ने पत्र में बताया कि लॉरेंस बिश्नोई गैंग की ओर से उन्हें लगातार धमकियां मिल रही हैं। इसके अलावा, बिहार, झारखंड और देश-विदेश के अन्य अपराधियों और शराब माफियाओं की नजरें भी उन पर हैं। उन्होंने यह भी कहा कि केंद्र और बिहार सरकार की ओर से सुरक्षा की अनदेखी की गई है। सांसद ने कहा, “18वीं लोकसभा के सदस्य बनने के बाद से ही मैं और मेरा परिवार लगातार खतरे में हैं।”
पिछले साल अक्टूबर में पप्पू यादव ने केंद्रीय गृह मंत्रालय और बिहार पुलिस को पत्र लिखकर अपनी सुरक्षा बढ़ाने की मांग की थी। हालांकि, पूर्णिया पुलिस ने उनकी सुरक्षा बढ़ाई थी, लेकिन सांसद जेड प्लस सुरक्षा की मांग कर रहे हैं।
अमन साव गैंग और धमकियों का सिलसिला
पप्पू यादव को लॉरेंस बिश्नोई गैंग के साथ-साथ झारखंड के अमन साव गैंग और अन्य अपराधियों से भी धमकियां मिलती रही हैं। बीते साल दिसंबर में झारखंड के अमन साहू गैंग के मयंक सिंह ने सोशल मीडिया पर उन्हें धमकी देते हुए लिखा था कि पप्पू यादव को लॉरेंस बिश्नोई से माफी मांगनी चाहिए। मयंक सिंह ने यह भी कहा था कि “लॉरेंस बिश्नोई एक ग्लोबल इंटरनेशनल गैंग चलाते हैं, और पप्पू यादव को सुधर जाना चाहिए।”
अक्टूबर में दिए बयान के बाद बढ़ीं धमकियां
अक्टूबर 2024 में मुंबई के पूर्व विधायक बाबा सिद्दीकी की हत्या के बाद पप्पू यादव ने लॉरेंस बिश्नोई गैंग को लेकर एक बयान दिया था। इसके बाद से ही उन्हें लगातार धमकी भरे कॉल आ रहे हैं। इस घटनाक्रम के बाद 21 अक्टूबर को उन्होंने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को पत्र लिखकर जेड प्लस सुरक्षा की मांग की थी।
विपक्ष के सवाल और झारखंड सरकार से अपील
पिछले कुछ महीनों से पप्पू यादव झारखंड के दौरे पर लगातार सक्रिय नजर आ रहे हैं। इससे विपक्ष ने सवाल खड़े किए हैं कि आखिर पप्पू यादव झारखंड में इतना समय क्यों बिता रहे हैं। अब उन्होंने झारखंड सरकार से सुरक्षा की अपील करके इस चर्चा को और बढ़ा दिया है। यह भी सवाल उठ रहा है कि आखिर उन्होंने केंद्र या बिहार सरकार से इस बार सुरक्षा की मांग क्यों नहीं की।
क्या कहती है सरकार?
झारखंड सरकार की ओर से अब तक इस मांग पर कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है। हालांकि, यह देखना दिलचस्प होगा कि हेमंत सोरेन सरकार पप्पू यादव को जेड प्लस सुरक्षा मुहैया कराती है या नहीं।
निष्कर्ष
सांसद पप्पू यादव की यह मांग बिहार और झारखंड की राजनीति में चर्चा का विषय बन गई है। उनके द्वारा बार-बार मिलने वाली धमकियों से सुरक्षा पर सवाल खड़े हो रहे हैं। यह मामला न केवल उनकी व्यक्तिगत सुरक्षा बल्कि पूरे सिस्टम की जवाबदेही पर भी ध्यान केंद्रित करता है। अब यह झारखंड सरकार पर निर्भर करता है कि वह इस मामले को किस तरह से देखती है और सांसद की सुरक्षा के लिए क्या कदम उठाती है।
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