प्रयागराज, उत्तर प्रदेश – महाकुंभ 2025 के दौरान त्रिवेणी संगम पर एक दर्दनाक हादसा हुआ, जिसमें झारखंड की एक महिला की मौत हो गई और सैकड़ों श्रद्धालु घायल हो गए। यह भगदड़ तब मची जब श्रद्धालुओं का एक विशाल जनसैलाब अवरोधकों (बैरिकेड) को तोड़कर आगे बढ़ा और वहां सो रहे लोगों को कुचल दिया। झारखंड के पलामू जिले के रहने वाले राम सुमिरन इस हादसे के प्रत्यक्षदर्शी हैं। उन्होंने अपनी आंखों से जो देखा, उसे शब्दों में बयां किया।
144 साल बाद मिला पुण्य स्नान का अवसर, लाखों श्रद्धालुओं की उमड़ी भीड़
राम सुमिरन ने बताया कि महाकुंभ 144 साल में एक बार आता है, इसलिए यह एक दुर्लभ धार्मिक अवसर होता है। करोड़ों श्रद्धालु इस पावन स्नान के लिए संगम तट पर पहुंचे थे।
उन्होंने कहा, “कोई भी इस पुण्य अवसर को गंवाना नहीं चाहता था। श्रद्धालु कई दिनों से खुले आसमान के नीचे डेरा जमाए हुए थे। अचानक एक विशाल जनसैलाब बैरिकेड तोड़कर आगे बढ़ा और वहां आराम कर रहे लोगों को रौंदता चला गया। कई लोग भगदड़ में दबकर मर गए।”
जूते-चप्पल और बिखरी हुई चीजें बयां कर रही थीं दर्दनाक मंजर
राम सुमिरन ने आगे बताया कि भगदड़ के बाद का दृश्य बेहद भयावह था। घटनास्थल पर बिखरे हुए जूते-चप्पल, फटे हुए कपड़े और बेजान शरीर इस हादसे की गवाही दे रहे थे। कई महिलाएं और बुजुर्ग गंभीर रूप से घायल हुए थे। प्रशासन और सुरक्षाकर्मी घायलों को एंबुलेंस से अस्पताल पहुंचाने में लगे हुए थे।
नागा संन्यासियों के दर्शन के लिए उमड़ी भीड़ ने बढ़ाई मुश्किलें
महाकुंभ केवल स्नान के लिए नहीं, बल्कि नागा संन्यासियों के दर्शन के लिए भी प्रसिद्ध है। राम सुमिरन के अनुसार, श्रद्धालुओं की एक बड़ी संख्या नागा संन्यासियों की झलक पाने के लिए घाटों पर डटी हुई थी। इस वजह से भी भीड़ बेकाबू हो गई और भगदड़ जैसी स्थिति उत्पन्न हो गई।
उन्होंने कहा, “नागा संन्यासियों के दर्शन की अभिलाषा में लाखों श्रद्धालु संगम तट पर मौजूद थे। भीड़ इतनी ज्यादा थी कि प्रशासन उसे संभालने में असमर्थ नजर आया।”
प्रशासन को पहले से था हादसे का अंदेशा, लगातार कर रहे थे चेतावनी
राम सुमिरन ने बताया कि प्रयागराज प्रशासन को पहले ही अंदेशा था कि भीड़ नियंत्रण से बाहर हो सकती है। यही वजह थी कि प्रयागराज के मंडलायुक्त विजय विश्वास पंत लगातार लाउडस्पीकर के जरिए श्रद्धालुओं को चेतावनी दे रहे थे।
“प्रशासन लगातार मुनादी कर रहा था कि संगम तट पर ज्यादा देर तक न रुकें और स्नान करके जल्द वापस जाएं। लेकिन आस्था के आगे लोग चेतावनियों को नजरअंदाज कर रहे थे, जिसका नतीजा यह दर्दनाक हादसा बना,” राम सुमिरन ने कहा।
लाउडस्पीकर पर हो रही थी घोषणा, लेकिन श्रद्धालुओं ने नहीं दी ध्यान
मंडलायुक्त विजय विश्वास पंत श्रद्धालुओं से अपील कर रहे थे, “जो सोवत है, वो खोवत है। उठिए, उठिए, और स्नान करिए। ज्यादा भीड़ होने से भगदड़ मच सकती है। आप पहले आए हैं, तो पहले स्नान करके सुरक्षित वापस जाएं।”
लेकिन लाखों की संख्या में पहुंचे श्रद्धालुओं ने इन घोषणाओं को अनसुना कर दिया और देखते ही देखते भगदड़ मच गई।
निष्कर्ष: भीड़ नियंत्रण को लेकर प्रशासन को सख्ती बरतने की जरूरत
महाकुंभ 2025 की यह भगदड़ एक बड़ी चेतावनी है कि ऐसे धार्मिक आयोजनों में भीड़ नियंत्रण के लिए बेहतर रणनीति अपनाई जानी चाहिए। प्रशासन को सुरक्षा व्यवस्था और कड़ी करनी होगी ताकि भविष्य में ऐसे हादसे टाले जा सकें।
महाकुंभ श्रद्धा और आस्था का प्रतीक है, लेकिन यह जरूरी है कि श्रद्धालु अपनी सुरक्षा को प्राथमिकता दें। फिलहाल, इस हादसे की जांच जारी है और घायलों का इलाज अस्पतालों में किया जा रहा है। जो लोग इस भगदड़ के शिकार हुए, उनके परिजन शोक में डूबे हुए हैं। यह महाकुंभ, जो मोक्ष और शांति का प्रतीक है, अब इस दर्दनाक घटना के लिए भी याद किया जाएगा।
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